मुंबई: अभिनेता रणवीर शौरी की विभिन्न फिल्मों में उनके अभिनय के लिये भले ही तारीफ हुई हो लेकिन उन्हें लगता है कि जानबूझकर मुख्यधारा के फिल्मकारों ने उन्हें दरकिनार किया है. ‘खोसला का घोसला’, ‘भेजा फ्राई’ और ‘तितली’ जैसी फिल्मों में प्रभावशाली अभिनय करने वाले अभिनेता ने कहा कि उन्हें विशेषकर तब बुरा लगता है कि जब लोग कहते हैं कि वे उन्हें और फिल्मों में देखना चाहते हैं.
रणवीर ने बताया, ‘‘आपको विशेषकर मुख्यधारा के फिल्मकारों से बात करनी चाहिए और पूछना चाहिए कि वे मुझे काम क्यों नहीं देते हैं. मैंने ‘एक था टाइगर’ फिल्म में काम किया लेकिन मैं ‘टाइगर जिंदा है’ में नहीं था. मैं जानता हूं और महसूस करता हूं कि मेरी अनदेखी की जा रही है.’’
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उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मुख्यधारा के फिल्मकार जानबूझ कर मुझे दरकिनार कर रहे हैं लेकिन मैं इससे परेशान नहीं हूं. अगर मैं इसके बारे में सोचने लगूंगा तब मैं जो करना चाहता हूं और जो करना है उस पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाऊंगा. मैं काफी काम करना चाहता हूं. मेरे पास समय है लेकिन काम नहीं है.’’
46 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण काम मिलने की कमी के कारण वह कभी-कभार ऐसी फिल्मों का चयन कर लेते हैं जो वह नहीं करना चाहते हैं.’’
रणवीर शौरी की फिल्म ‘हल्का’ सात सितंबर को सिनेमा घरों में प्रदशित होने वाली है. इसके अलावा रणवीर शौरी के खाते में अभिषेक चौबी की ‘सोनचिरैया’ भी है, जो अगले साल प्रदर्शित होगी.